
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Kash Patel को एफबीआई डायरेक्टर के रूप में नॉमिनेट किया
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Kash Patel को एफबीआई निदेशक के रूप में चुना है, जिसकी उद्देश्य एजेंसी को सुधार करना है और जिन्हे वो “साजिशकर्ता” मानते हैं उन्हें निकालना है। काश पटेल के विवादास्पद विचार सीनेट पुष्टिकरण में चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
Kash Patel की चयन की घोषना
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कश्यप ” Kash Patel” को एफबीआई डायरेक्टर बनाने की घोषणा की। ये फैसला ट्रम्प के संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन और “डीप स्टेट” को लक्ष्य बनाने के मिशन के साथ संरेखित किया गया है।
ट्रम्प ने पटेल को एक “शानदार वकील, अन्वेषक, और ‘अमेरिका फर्स्ट’ सेनानी” कहा। अन्होने कहा, ” Kash Patel एक प्रतिभाशाली अन्वेषक है, जिन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर किया, न्याय का समर्थन किया, और अमेरिकी लोगो की सुरक्षा के लिए काम किया।”

Kash Patel : एक अभियोजक से ट्रंप के वफादार बनने का सफर
भारतीय आप्रवासी माता-पिता के बेटे काश पटेल ने न्याय विभाग में अभियोजक के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में कैपिटल हिल के हाउस इंटेलिजेंस पर स्थायी चयन समिति में काम किया। पटेल ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी प्रभावशाली भूमिकाएँ निभाई हैं।
रूस जांच और Kash Patel की भूमिका
Kash Patel का नाम तब चर्चा में आया जब उन्हें 2016 के चुनाव में हस्तक्षेप पर हाउस कमेटी की जांच लीड मिली और “न्यून्स मेमो” लिखने में मदद की। ये मेमो एफबीआई और न्याय विभाग के कार्यों पर सवाल उठाता है।
Kash Patel का एफबीआई के लिए विजन
पटेल ने एफबीआई के वाशिंगटन मुख्यालय को बंद कर संग्रहालय बनाने का सुझाव दिया है, जिसने संघीय नौकरशाही के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की। वो एफबीआई की निगरानी शक्तियों के दुरुपयोग पर भी सवाल उठाते हैं और मीडिया को “अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन” मानते हैं।