
एक जबरदस्त थ्रिलर जो ख़ुलासा करती है सच्ची की तलाश और उसके दाम को
आपने Manoj Bajpayee को बहुत अलग-अलग भूमिकाओं में देखा होगा, पर इस बार उनका नया फिल्म डिस्पैच कुछ अलग ही कहानी लेके आया है। ये ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है और एक छायादार एंटी-थ्रिलर है जो एक खोजी पत्रकार की यात्रा को एक्सप्लोर करती है। फिल्म के निर्देशक कनु बहल और लेखिका इशानी बनर्जी ने एक किरकिरी और अंधेरी दुनिया बनाई है जो असली अपराधों से प्रेरित है।
अपराध और सच्चाई की तलाश
2017 में गौरी लंकेश की नृशंस हत्या ने कनु बहल को हिला कर रख दिया था। ये घटना एक बड़ा पैटर्न दिखाती है जिसमें पत्रकार और सत्य-शोधक अपनी जान गवाते हैं। 18 महीने की रिसर्च के बाद, बेहतर और उनकी टीम ने एक ऐसी कहानी बनाई जो एक भ्रष्ट सिस्टम और पत्रकारिता के अंदर के संघर्षों को तलाशती है।
Manooj Bajpayee फिल्म में जॉय बैग का रोल निभा रहे हैं, जो एक दोषपूर्ण और जटिल किरदार है। जॉय एक क्राइम जर्नलिस्ट है जो अपने व्यक्तिगत और पेशेवर संघर्षों के बीच जुड़ रहा है। उनका किरदार वास्तविक जीवन के पत्रकार जे-डे से प्रेरित है, जिनका 2011 में मर्डर हुआ था। लेकिन बहल कहते हैं कि ये कहानी किसी वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि एक बड़े मानवीय संघर्ष को तलाशने का काम करती है।


Manoj Bajpayee का मनोरंजक प्रदर्शन
Manoj Bajpayee का जॉय बैग एक ऐसा किरदार है जो हीरो नहीं है। बहल खुद कहते हैं कि जॉय एक “फॉस्टियन” किरदार है जो अपने लालच और महत्वाकांक्षाओं के चक्कर में उलझ जाता है। जोय की निजी जिंदगी भी उतनी ही गड़बड़ है। एक तरफ उसकी शादी (शहाना गोस्वामी के साथ) टूटने के कगार पर है, और दूसरा तरफ उसका अफेयर चल रहा है दो अलग पत्रकारों के साथ (अर्चिता अग्रवाल और री सेन)। Manoj Bajpayee मज़ाक में कहते हैं, “डिस्पैच में मेन स्क्रीन पर सबसे ज़्यादा इंटिमेट सीन किये हैं!”
डार्क और गंभीर दृश्य
सिनेमैटोग्राफर सिद्धार्थ दीवान ने फिल्म को एक गंदा और रियलिस्टिक टच दिया है। मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और लंदन के कंक्रीट के जंगलों में शूटिंग की गई ये फिल्म एक पत्रकार की हताश संघर्ष को दिखाती है। एक सीन में जॉय को गुरुग्राम के एक डेटा सेंटर में अपनी जान बचाते हुए दिखाया गया है, जो उसके कमजोर और दोषपूर्ण चरित्र को और गहरा करता है।

फिल्म के निर्देशक : कनू बहल
दर्शकों के लिए मिश्रित भावनाएं
फिल्म जॉय के किरदार को “हीरो” के रूप में प्रस्तुत नहीं करती। वास्तव में, उसकी खामियाँ-जैसी उसकी असुरक्षा, आक्रामकता, और अनैतिक निर्णय-उसे एक भरोसेमंद लेकिन अप्रत्याशित चरित्र बनाते हैं। लेकिन ये भी एक सोचने वाली बात है कि तीन औरतें- उसकी पत्नी, प्रेमिका, और सहकर्मी- इसे क्या पसंद करती हैं, जब दर्शकों को वो “आकर्षक” भी नहीं लगता। Manoj Bajpayee के लिये एक और नया acting challenge है
इंडी स्पिरिट और Manoj Bajpayee की चाहत
Manoj Bajpayee एक बार फिर दिखाते हैं कि उनका प्यार एक्सपेरिमेंटल और इंडी सिनेमा के लिए कम नहीं हुआ है। मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल में भी डिस्पैच और उनकी दूसरी फिल्म द फैबल को दिखाया गया था। बाजपेयी कहते हैं, “मैं हां तो पैसे के पीछे भाग सकता हूं या उत्साह के पीछे। और मैंने हमेशा दूसरा विकल्प चुना है।”
अगर आपको खोजी थ्रिलर पसंद हैं और आप एक डार्क, विचारोत्तेजक कहानी देखना चाहते हैं, तो डिस्पैच एक अवश्य देखना चाहिए।